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छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले में 10 जवान शहीद, ब्लास्ट की आवाज दो किलोमीटर दूर तक सुनाई दी !

 news in Hindi 10 soldiers martyred Naxalite attack in Chhattisgarh, sound blast heard two kilometers away

छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले में 10 जवान शहीद


दंतेवाड़ा


छत्तीसगढ़ दंतेवाड़ा जिले में डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड के जवानों पर बुधवार को नक्सलियों ने आरडीएक्स से ब्रेस्ट कर दिया। नक्सली हमले में 10 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। जबकि एक वाहन चालक की मौत हो गई। नक्सलियों ने यह हमला अरनपुर और समेली के बीच में किया। इस धमाके की आवाज 2 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी और जवानों और गाड़ियों के चित्र उड़कर करीब 70 मीटर दूर तक जा गिरे। नक्सली इस हमले की वारदात को अंजाम देने के लिए पिछले चार-पांच दिन से तैयारी कर रहे थे।








नक्सलियों ने डीआरजी की प्लाटून नंबर 1 को अपना टारगेट बनाते हुए दंतेवाड़ा के सबसे मजबूत टीम पर बुधवार को हमला कर दिया।  ( डीवीसीएम ) डिवीजनल कमेटी मेंबर पिछले 4 दिनों से ककाड़ी,नहाड़ी और गोंडेरास के जंगलों में नक्सलियों के साथ बैठक कर रहे थे। करीब 3 दर्जन थे किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की रणनीति बना रहे थे। इंटर्नशिप नक्सली हमले की मोदी की खबर पहले ही मिल चुकी थी।‌









दंतेवाड़ा पुलिस अपने बड़े अधिकारियों से इस ऑपरेशन के लिए जवानों को भेजने की परमिशन मांग रही थी लेकिन परमिशन मिलने में 2 दिन लग गए और फिर मंगलवार को जवानों को ऑपरेशन के लिए भेजने का ग्रीन सिग्नल मिल गया।  उसके बाद 25 अप्रैल को दंतेवाड़ा डीआरजी की 6 टीमों को नक्सल ऑपरेशन के लिए भेज दिया गया जिसमें 300 से ज्यादा जवान शामिल थे। सुरक्षा बल के जवान जंगल में रात के समय गाड़ियों को अलग-अलग लोकेशन में भेज कर नक्सलियों को घेरने की योजना बना रहे थे।







 डीआरजी की प्लाटून नंबर 1 जंगल में पहुंची थी कि नक्सली कमांडर जगदीश को घेरने के लिए जंगल में घुसी थी इसकी भनक अन्य नक्सलियों को लग गई जो पहले से ही अलर्ट पर थे।‌ जैसे ही डीआरजी के जवान 26 अप्रैल की सुबह नक्सलियों के संभावित ठिकाने पर पहुंचे तो दोनों तरफ से गोलीबारी शुरू हो गई। ‌ इसी दौरान उच्च अधिकारियों के निर्देश जिला मुख्यालय और वापस निकल लिए। ‌ जवानों को लेने के लिए पुलिस की गाड़ियां पहुंची थी और इसकी भनक लग गई। 








नक्सलियों को पहले से पता था कि उनको पकड़ने के लिए जवानों बड़ी गाड़ी में आए हैं और जाएं भी उसी गाड़ी में गें। अरनपुर और समेली के बीच में सड़क निर्माण का कार्य चल रहा था तो नक्सलियों ने इसका फायदा उठाते हुए प्लांट कर दिया और करीब 100 मीटर लंबा तार जंगल की तरफ बिछा दिया। बुधवार को जवानों से भरी एक गाड़ी इस इलाके से गुजरती तो नक्सलियों ने उसे निशाना नहीं बनाया।








 कुछ देर बाद नक्सलियों ने दूसरी गाड़ी को अपना निशाना बनाया जिसमें 10 जवान सवार थे। शिवलिंग की थी जो पहले से बुक थी और जवानों को लेने के लिए गई हुई थी। जैसे यह गाड़ी दोपहर को करीब 2 बजे वहां से गुजरी तो नक्सलियों ने EID से ब्लास्ट कर दिया। गाड़ी में सवार सभी 10 जवानों और गाड़ी चालक के शरीरों के चिथड़े उड़ गए और करीब 70 मीटर दूर तक जा गिरे। गाड़ी के पार्ट्स और जवानों के शरीर के अंग दूर दूर तक बिखरे पड़े थे। ब्लास्ट वाली जगह पर सड़क पर 7 फीट गहरा गड्ढा हो गया। धमाका इतना जोरदार था कि इसकी आवाज करीब 2 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। अनुमान लगाया जा रहा है इस ब्लास्ट को अंजाम देने के लिए कम से कम 50 किलो आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया है। बताया जा रहा है कि नक्सलियों ने बुधवार को जिस ब्लास्ट को अंजाम दिया उसे कुछ साल पहले सड़क निर्माण के दौरान ही वहां पर प्लांट किया गया था जो काफी खतरनाक माना जाता है।

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