Ab Tak Mausam alert :
मार्च में 7, अप्रैल में 6, मई में अभी तक 3 अभी 2 और पश्चिम विक्षोभ सक्रिय होंगे, मौसम ठंडा-ठंडा कूल-कूल
रविवार 21 मई को रोहतक का पारा 42-43 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचने से लू जैसे हालात रहे। हालांकि तापमान सामान्य ही दर्ज किया। लेकिन मंगलवार 22 मई की रात से मौसम में फिर से बदलाव आ रहा है। एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा जिसका असर 23 और 24 तक रहेगा। इस वर्स्टन डिस्टर्बेस का असर खत्म होने के तुरंत बाद 25 को एक और पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता की वजह से राज्य में मौसम खुशनुमा बनेगा। इस वर्स्टन डिस्टर्बेस का प्रभाव 28 तक है। कुल मिलाकर जोड़-तोड़ यह है कि हम पूरी मई भी भीषण की मार से बचे रहेंगे। गौरतलब है कि इससे पहले भी मार्च और अप्रैल भी प्रदेश के लोगों के लिए गर्मी से राहत की बारिश एक के बाद एक बस्टर्न डिस्टर्बेस रुक-रुककर करते रहे।
बीच-बीच में दो-चार दिन ऐसी तपिश जरूर महसूस हुई, जैसे की आज रविवार 21 मई को एहसास हुआ आज भले ही थोड़ी सी गर्मी महसूस हुई। लेकिन कल सोमवार से मौसम फिर से बदलने जा रहा है। तारीखों में वस्टर्न डिस्टर्बेस मार्च में सात पश्चिमी विक्षोभ 1. 4, 12, 17, 20, 24, 30 को एक्टिव हुए। इसी प्रकार अप्रैल में छह वस्टन डिस्टर्बेस की गतिविधि 3, 11, 18, 23, 27, 29 को हुई। एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होता है तो उसका असर कम से कम दो-तीन रहता है। अगर ज्यादा क्षेत्र में बारिश हो जाती है तो प्रभाव के दिनों की संख्या बढ़ भी सकती है। मई में बारिश करते हैं।
अभी तक 4, 13, 17 को पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव हो चुके हैं। सितंबर में मानसून की विदाई के साथ ही राज्य में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने लगते हैं। इनका असर मई तक रहता है। चौधरी चरण कृषि विव हिसार के मौसम विज्ञान विभागाध्यक्ष कहते हैं कि सामान्य तौर पर अक्तूबर से मई तक हर महीने 4-5 पश्चिमी विक्षोभ आते हैं। जिनमें ज्यादातर पहाड़ों पर प्रभावित करते है तथा इनमें से कुछ एक मैदान क्षेत्र हरियाणा में भी सक्रिय होने से मौसम सुहाना हो गया था।
हल्की बारिश की संभावना
पश्चिम के प्रभाव से राज्य में 22 मई से एक बार फिर से बदलाव आने जा रहा है। 23 को रात्रि [व] [24] को राज्य के उत्तर- पश्चिमी व दक्षिणी क्षेत्र में गरज-चमक तथा वायों के साथ हल्की बारिश को संभावना है। इसके तुरंत बाद 25 से एक और वस्न डिस्टर्बेस एक्टिव होगा। जिसका असर 26 से 28 मई तक रहेगा। प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्र में में बदलवाई तथा तेज था व गरज चमक के साथ हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश होगी। कुछ एक स्थानों पर तेज बारिश भी हो सकते है। जिसकी वजह से तापमान में गिरावट आएगी।
-डॉ मदन खोपड़ कृषि विज्ञान विमान विभागाध्यक्ष
मध्य जून में प्री मानसून दो सप्ताह शेष हैं लू के माई के बाद प्री मानसून और
अगर भारत में समय पर प्रवेश कर जाता है वे मध्ये जून में हरियाणा में आमतौर पर प्री मानसून की बारिश होने और ओलावृष्टि करके फसलों को लगते है। विभाग द्वारा रविवार को जारी किए मैसन लेट में 25 से 28 ई तक राज्य में की होती है। इस दौरान अगर अधिकांश प्रदेश में बारिश हो जाए कर लें। लेकिन जब तक फसल उसका मौसम पर असर दो-तीन दिन तक रहेगा। करने ही बारिश कम हो।
मानसून की बरसत प्रारंभ होने लगती है। कभी-कभी ये वस्ट डिस्टस मारी बेमौसी बारिश आसार का बनते हैं, तो कभी इनकी वजह से ही फसलों को फायदा मिलता है। किसान फसलों की सिंचाई कितनी ही क्यों पर आसमान से पानी नहीं गिरता है। तब तक उनकी पूरी बढ़वार नहीं होती। जिसकी वजह से भरपूर पैदावार की उम्मीद भी कम होती है। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक बारिश में वे तत्व मौजूद होते हैं जोकि सिंचाई के पानी में उपलब्ध नहीं है। यहां तक की बरसात से ही प्राकृतिक नाइट्रोजन भी पौधों को मिलती है।

