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प्रचंड गर्मी नोतपा की तपत से मचेगी हाहाकार, मौसम विभाग के मुताबिक 47 डिग्री तक जा सकता है पारा |

 Ab Tak News Hindi heat of Notpa will create havoc, according to Meteorological Department, mercury can go up to 47 degrees


अब तक न्यूज हिसार  / संदीप सिंहमार


 वक्त के साथ मौसम भी बदलता रहता है, परंतु इस बार प्रचंड गर्मी के बीच लोगों को बारिश का इंतजार कुछ ज्यादा ही है। दरअसल इन दिनों गर्मी अपना असली रूप दिखा रही है। जेष्ठ माह के नौतपा के यह दिन अक्सर हर बार तपते हैं। पर इस बार ग्लोबल कामिंग की वजह से समय से पहले आई गर्मी ने लोगों को सता दिया है भारत मौसम विभाग के मौसम बुलेटिन के अनुसार अभी गर्मी से राहत मिलने वाली भी नहीं है। नौतपा के यह दिन भयंकर रूप से उपेंगे। इस दौरान दिन के तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी। 22 मई तक दिन का तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक भी पहुंचने का अनुमान जताया गया है पर वेस्टर्न डिस्टरबेंस के प्रभाव व अंडमान निकोबार द्वीप, दक्षिण अंडमहासागर और बंगाल की दक्षिण खाड़ी में मानसून प्रवेश करते ही उत्तर भारत में भीषण गर्मी से राहत मिल सकती है। हालांकि हर बार मध्य मई में अंडमान निकोबार में मानसून दस्तक दे देता है लेकिन इस बार मानसून दिन देरी से पहुंचने की उम्मीद जताई गई है। यही एक वजह है कि केरल में भी मानसून इस बात देरी से जून के प्रथम सप्ताह में पहुंचने की संभावना है।








23 मई को तेज हवा के साथ बारिश की संभावना

इससे पहले उत्तर भारत में 23 मई को पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव की वजह से होने वाले परिवर्तन से तेज हवा के साथ बारिश की संभावना जताई गई है। लेकिन इसके तुरंत बाद एक बार फिर एक पखवाड़े तक दिन के तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी। ध्यान रहे कि भारत में दक्षिण पश्चिम मानसून की शुरूआत केरल से मानी जाती है। इसके बाद तमिलनाडु बंगाल की खाड़ी कोकण कर्नाटक, मुंबई, गुजरात पश्चिमी और उत्तरी क्षेत्रों में पहुंचता है। भारत मौसम विभाग व चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञान विभाग के मौसम बुलेटिन का कहना है कि बेशक इस बार मानसून देरी से पहुंच रहा हो लेकिन देश में बारिश 96 फीसदी होने की उम्मीद है, जो सामान्य कहलाता है।







अलनीनो का भी दिखाई देगा प्रभाव

भारत मौसम विभाग के अनुसार इस बार अलनीनो का भी प्रभाव देखने को मिल सकता है। अलनीनो की वजह से बारिश कम होती है। पर राहत की बात यह है कि इस बार अल्लीनों का प्रभाव मानसून के अंतिम पड़ाव में ही दिखाई दे सकता है, इसका खास असर नहीं माना जाता तब तक अधिकतर बारिश हो चुकी होती है। सीधे तौर पर कहा जाए तो इस बार देशभर में सामान्य बारिश होने की उम्मीद है जिससे किसानों को

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